झरने की आत्मकथा हिंदी निबंध | Jharne Ki Atmakatha Nibandh 

रेडियो पर एक झरने की सुंदरता का वर्णन करने वाला गाना चल रहा था। झरने की आवाज से मानो पूरी प्रकृति मंत्रमुग्ध हो गई थी। गाने के सभी शब्द झरने के निर्मल स्वरूप से जुड़े हुए प्रतीत हो रहे थे। शांत पहाड़ों की श्रृंखलाओं और हरे-भरे वनों के बीच बहते झरने की कलकल ध्वनि ने प्रकृति को एक अनोखी मिठास दी थी। उस झरने ने वह गाना सुना और वह स्वयं ही भावुक हो गया। उसके मुख से शब्द फूट पड़े…

“कितनी सुंदर भावनाएँ! इंसान ने मुझे अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना है। लेकिन कभी-कभी यही इंसान प्रकृति का नाश करता है। मेरे निर्मल पानी में गंदगी डालकर मुझे दूषित कर देता है। ऐसे समय में मुझे दुख होता है, और मैं बेचैन हो जाता हूँ।  

Jharne Ki Atmakatha Nibandh

लेकिन, इंसान के मन का एक कोमल कोना मुझे हमेशा महसूस होता है। मेरे ठंडे पानी के स्पर्श से उसे मानो नया जीवन मिल जाता है। मेरी कलकल ध्वनि से उसका थका हुआ मन शांत हो जाता है। मैं जंगल के जानवरों और पक्षियों को पानी देता हूँ और उन्हें सुखी करता हूँ। इंसान भी मेरे ठंडे पानी में खुद को तरोताजा करता है। उसके संतोष से मेरा मन आनंदित होता है।  

मेरा पानी पहाड़ों के गर्भ से आता है। वर्षों से बरसात के संचित बूँदों के कारण मैं बहता रहता हूँ। मेरे पानी से खेती हरी-भरी हो जाती है। मेरे किनारे हरी घास का गलीचा फैल जाता है। लेकिन इंसान के लालच के कारण इस प्रकृति पर संकट आया है। पेड़ों की कटाई से मेरे आसपास की हरियाली कम हो गई है। मिट्टी का कटाव होता है, और मेरा रास्ता रुकने लगता है।  

कभी-कभी तो गर्मियों में मेरा प्रवाह ही सूख जाता है। मेरा पानी कम होकर मैं सूख जाता हूँ। प्रकृति को मेरी जरूरत होते हुए भी मैं कुछ नहीं कर पाता। उस समय सभी के दुखी चेहरे देखकर मुझे महसूस होता है कि मैंने बहुत कुछ खो दिया है। दूसरी ओर, कभी-कभी भारी बारिश के कारण मैं अपने रास्ते से बाहर चला जाता हूँ। मेरे प्रवाह से खेत और गाँव बर्बाद हो जाते हैं।  

इंसान के पास अभी भी समय है। अगर वह प्रकृति की रक्षा करे, पेड़ लगाए, प्रदूषण कम करे, तो मेरे स्वरूप में बदलाव नहीं होगा। मेरी निर्मल धारा से उसे जीवन का आनंद मिलता रहेगा। यही मेरी इंसान से अपेक्षा है – प्रकृति के सम्मान और संरक्षण की। यदि ऐसा हुआ, तो मैं और इंसान हमेशा के लिए मित्र बने रहेंगे।”

Leave a Comment