रेनकोट की आत्मकथा हिंदी निबंध | Raincoat Autobiography Hindi Essay

मित्रों, मैं एक साधारण लेकिन उपयोगी रेनकोट हूँ। मेरा जीवन भी एक अनोखे धागे से बुना गया है। मैं बारिश का साथी हूँ, जो लोगों को भीगे हुए पानी से बचाता हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, ध्यान से सुनें।

रेनकोट की आत्मकथा हिंदी निबंध

मेरा जन्म एक कारखाने में हुआ। पानी रोकने वाले कपड़े और मजबूत सिलाई से मेरी रचना हुई। मेरे चमकीले रंग और कपड़े की चिकनाई ने मुझे आकर्षक बना दिया। मुझे बनाने में कई कारीगरों ने मेहनत की। मेरे पूरे कपड़े पर एक खास परत लगाई गई, जिससे मैं पानी की बूंदों से मजबूत बन गया।

जब मैं कारखाने से बाहर निकला, तो मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ क्योंकि मैं जल्द ही किसी के जीवन का हिस्सा बनने वाला था। कुछ समय बाद, मुझे एक दुकान में रखा गया। वहां, मेरे जैसे अन्य रेनकोटों के साथ, मैं अपने नए मालिक का इंतजार कर रहा था।

आखिरकार, एक सज्जन ने मुझे खरीद लिया। पहले ही दिन मेरी उपयोगिता समझ आ गई। वह दिन बहुत बारिश वाला था, और मैंने अपने मालिक को पूरी तरह से भीगने से बचा लिया। गीली सड़कों से गुजरते समय, मैं उनका संरक्षण कर रहा था। इसके बाद, मेरा काम नियमित हो गया सुबह ऑफिस जाना, बाजार जाना, और कभी-कभी ट्रेकिंग पर जाना। मैं बारिश की तेज धाराओं और तेज़ हवाओं का सामना करता, लेकिन कभी शिकायत नहीं करता।

बारिश का मौसम मेरे लिए बेहद खुशी भरा होता। लेकिन जैसे ही गर्मी और सर्दी आती, मुझे एक कोने में रख दिया जाता। कभी-कभी लंबी ट्रेकिंग के दौरान मैं फट जाता, कभी मेरी परत ढीली हो जाती। एक बार तेज हवा के झोंके ने मेरी बाहरी परत को उड़ा दिया। मेरे मालिक ने मुझे मरम्मत के लिए भेजा, लेकिन मेरी पहले जैसी सुंदरता खो चुकी थी।

आखिरी दिनों में, मैं थोड़ा पुराना और फटा हुआ हो गया। अब मुझे कोई इस्तेमाल नहीं करता था। अंततः, मुझे पुराने कपड़ों के साथ एक बोरे में डाल दिया गया। मेरे जीवन का महत्वपूर्ण काम खत्म हो चुका था, लेकिन मुझे संतोष था कि मैंने लोगों की जरूरतों में उनका साथ दिया।

मेरा जीवन छोटा था, लेकिन मैंने हर पल को अर्थपूर्ण बनाया। आप भी अपने जीवन को मेरी तरह सार्थक बनाएं।

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